सोमवार, 9 मई 2016

जेएनयू के छात्र आंदोलन के समर्थन में राष्ट्रपति के नाम अपील

Text of the appeal authored by a former President of the JNUSU , Jagadishwar Chaturvedi , that was passed unopposed by the JNU oldies after more than 50-hours debate , discussions , deliberations , consent after dissent the world over in the larger interest of JNU and democracy in India . Dear Mr President Sir
We the Alumni of JNU, request you to kindly intervene in the ongoing student agitation on the campus and help restore normalcy.
The health of several office-bearers and other members of JNUSU, on an indefinite hunger strike under the banner of JNUSU over the last eight days, is causing serious concern.
The students have been demanding that the ‘disciplinary action’ suggested by the “High Level Enquiry Committee” set up by the University Administration be revoked forthwith.
At the very inception of the committee the students had raised several objections to the setting up of the committee and had said that it was totally unacceptable. It is worth noting that the JNUTA had also rejected the enquiry committee.
The administration rejected the objections and conducted a one sided probe. Police action was also been initiated against the students and the matter is sub-judice.
The action initiated against the students and office bearers of JNUSU is politically motivated. We therefore demand that the JNU administration immediately withdraw the proposed disciplinary action and restore normalcy on Campus
मान्यवर,
हम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र आपसे अनुरोध करते हैं कि विश्वविद्यालय प्रांगण में चल रहे छात्रों के आंदोलन में हस्तक्षेप करके कैंपस में शांति बहाल करने में मदद करें।उल्लेखनीय है कैंपस में छात्रसंघ के बैनरतले अनेक छात्र और छात्रसंघ पदाथिकारी विगत आठ दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं।इन सभी छात्रों की शारीरिक अवस्था चिंताजनक है।छात्रों की मांग है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गठित उच्चस्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर की गयी अनुशासनात्मक कार्रवाई को तुरंत रद्द किया जाय।यह जांच कमेटी जब गठित की गयी थी तब ही छात्रों ने इसके निर्माण पर अनेक आपत्तियां प्रकट की थीं,इन आपत्तियों को प्रशासन ने एकसिरे से अस्वीकार किया और इकतरफा जांच कमेटी का गठन करके उस घटना की जांचकी।उल्लेखनीय है कि जेएनयू शिक्षक संघ ने भी जांच समिति को अस्वीकार किया था।वहीं दूसरी ओर छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी गयी।जिससे संबंधित मुकदमा अदालत में विचाराधीन है।हम विनम्रतापूर्वक कहना चाहते हैं कि जिन छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी है वह राजनीति से प्रेरित है।अतःहम मांग करते हैं कि जेएनयू प्रशासन तुरंत छात्रों के खिलाफ की गयी अनुशासनात्मक कार्रवाई को वापस ले और कैंपस में शांति बहाल करे।( चन्द्रप्रकाश झा की वॉल से साभार

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