रविवार, 22 मई 2016

मोदी की जीत पर मुग्ध क्यों हो मित्रवर!

     इसे कहते हैं मोदी के प्रचार की जीत ! आप कुछ भी कहें फेसबुक मोदी भक्त सोचने को तैयार नहीं हैं ! वे पूरी तरह माने बैठे हैं,वे राजनीति को सरकार के गठन के आर-पार देखने को तैयार नहीं हैं।वे यह भी भूल गए कि इंदिरा गांधी जैसी दिग्विजयी नेत्री को क्षेत्रीय दल मिलकर धूल चटा चुके हैं,उसके पराभव में उनकी बड़ी भूमिका थी,आज कांग्रेस यदि हाशिए पर है तो क्षेत्रीय दलों के कारण,न कि भाजपा के कारण।भाजपा का उदय तो हाल के वर्षों में हुआ है।केन्द्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ असल मोर्चा तो क्षेत्रीय दलों ने लिया था,निकट भविष्य में भी वही होगा।कम से कम कांग्रेस को कभी -कभार किसी क्षेत्रीय दल का राजनीतिक सहयोग मिल भी जाता था लेकिन भाजपा के साथ तो कोई क्षेत्रीय दल भरोसे के साथ जाना नहीं चाहता।
भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव के आंकड़े उतने संतोषजनक नहीं हैं जितने बताए जा रहे हैं।यह सच है भाजपा की सरकार असम में बन गयी है,लेकिन यह स्थिति तो विगत दो साल से साफ है।कांग्रेस निकम्मेपन, गुटबाजी और भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी है।सोचने वाली बात यह है कि कांग्रेस के अलावा किस दल को भाजपा ने हराया है,क्या किसी क्षेत्रीयदल को हराने में भाजपा सफल रही है।भाजपा की सरकारें वहीं बनी हैं जहां कांग्रेस का शासन था।इससे पता चलता है कि आम जनता ने कांग्रेस के विकल्प के अभाव में भाजपा को चुना है।भाजपा को जनता अपना स्वाभाविक विकल्प नहीं मानती।यदि ऐसा ही होता तो भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर वैसी सफलता क्यों नहीं मिली जैसी इंदिरा या राजीव के दौर में कांग्रेस को मिली थी।
दूसरी बात यह कि भाजपा ने नीतिहीन ढ़ंग से जम्मू-कश्मीर और असम में जिस तरह पृथकतावादियों से समझौता करके चुनाव लड़ा है वह तो और भी शर्मनाक है।इसका अर्थ है कि भाजपा ने बोडो,उल्फा,पीडीपी आदि की राजनीति को लेकर सर्वस्वीकृत राष्ट्रीय समझ से काटकर निहित स्वार्थी ढ़ंग से अवसरवादी राजनीति करने का फैसला कर लिया है।इसलिए भाजपा हर रंगत के पृथकतावादी दलों से खुलकर हाथ मिला रही है और उस पर हम सब मूक दर्शक बने बैठे हैं।
चुनाव में जीत जरूरी है लेकिन जीतकर सरकार बनाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आप सरकार क्यों बनाना चाहते हैं किन नीतियों और संगठनों की मदद से सरकार चलाना चाहते हैं ?
टीवी प्रचार ने हमारे आलोचनात्मक विवेक को छीन लिया है और हमने टीवी टॉक शो की नजरों से चीजों को देखने की,सतही ढ़ंग से देखने की आदत डाल ली है और यह भाजपा की सरकार बनाने से भी बड़ी जीत है।


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