मंगलवार, 17 नवंबर 2015

नया जमाना ब्लॉग के कुछ तथ्य


मैंने जब “नया जमाना” ब्लॉग पर लिखना शुरु किया तो जानता नहीं था कौन पढ़ेगा, यह भी लगता था कि परिचित ही पढ़ेंगे,लेकिन धीरे धीरे भ्रम टूटता गया। नया गूगल प्रदत्त आंकड़ा है कि “नया जमाना” ब्लॉग के प्रति माह अमेरिका में 7320पन्ने पढ़े जाते हैं,भारत में 1381,दक्षिण कोरिया में 310,रुस में 112,जर्मनी में 14,आस्ट्रेलिया में 12,फ्रांस में 9,थाईलैंड और वेनेजुएला में प्रति माह 7-7 पन्ने पढ़े जाते हैं।

अब तक कुल मिलाकर भारत में 174633 पन्ने पढ़े गए हैं। अमेरिका में 63661 पन्ने, रुस में 4930, संयुक्त अरब अमीरात में 1780, जर्मनी में 1625,दक्षिण कोरिया में 1222, यूक्रेन में 1167, फ्रांस में 1048,आस्ट्रेलिया में 830,स्पेन में 785 पन्ने पढ़े गए हैं।

सबसे ज्यादा पढ़े गए लेख हैं, 1.“ कामशास्त्र की भारतीय परंपरा में सेक्स” यह लेख 6528 बार पढ़ा गया है,2. “नारायण सुर्वे की मराठी कविता” को 6119बार पढ़ा गया है, 3. “इंटरनेट के 40 साल..संचार क्रांति से भारत कोसों दूर ” लेख को 4775 बार पढ़ा गया ,4. “कामसूत्र में कामुकता के खेल” लेख को 4486 बार पढ़ा गया है,5.“उत्तर आधुनिकता में फैशन से अनजाने और फैशन में डूबे लोग” लेख को 1883 बार पढ़ा गया ,6.“सेक्स के प्रति ‘कामसूत्र’ का नजरिया” 1883 बार पढ़ा गया,6. “सऊदी अरब की औरतों का नारकीय जीवन” 1438बार पढ़ा गया,8. “कामुकता का जनोत्सव है बाबा रामदेव फिनोमिना” यह लेख 1149 बार पढ़ा गया, 9. “जेएनयू में हिन्दी-उर्दू के दिग्गजों का महामिलन” यह लेख 1059 बार पढ़ा गया,10. “पोर्नोग्राफी में ‘Fuck Me’का नारा ‘Hate Me’ का जनक है” लेख 1005 बार पढ़ा गया है। कभी समय मिले तो आप भी नया जमाना ब्लाग पर जाएं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विशिष्ट पोस्ट

मेरा बचपन- माँ के दुख और हम

         माँ के सुख से ज्यादा मूल्यवान हैं माँ के दुख।मैंने अपनी आँखों से उन दुखों को देखा है,दुखों में उसे तिल-तिलकर गलते हुए देखा है।वे क...