सोमवार, 16 नवंबर 2015

हिन्दूसमाज के कठोर आलोचक दयानन्द सरस्वती

जो लोग 'हिन्दू महान' का नारा लगाकर हिन्दुओं की बुराईयों पर पर्दा डाल रहे हैं वे हिन्दूसमाज का अहित कर रहे हैं,इससे भी बढ़कर वे हिन्दूसमाज की आलोचना करने वालों पर हमले कर रहे हैं,उनकी निंदा कर रहे हैं,उन्हें देशद्रोही तक कह रहे हैं।ऐसे लोगों का दयानन्द सरस्वती के बारे में क्या कहना है ? क्या दयानन्द सरस्वती ने हिन्दूसमाज और हिन्दू धर्म की रुढ़ियों और कुरीतियों पर प्रहार करके देशद्रोह का परिचय था या भारतीय समाज को सुधारने का काम किया था ?
संघ के प्रचार ने इस कदर युवाओं पर बुरा असर डाला है कि हिन्दूसमाज की सभी बेहतरीन परंपराओं और विवेकवान लोगों के किए-धरे को हम भूल गए हैं या फिर जानना तक नहीं चाहते। कम से कम आरएसएस ने अभी तक दयानन्द सरस्वती जैसा कोई महान् हिन्दू पैदा नहीं किया है !
देश में महान हिन्दू और महान भारतीय होने का गौरव दयानन्द सरस्वती को हासिल है,राजा राममोहन राय को हासिल है।ये सब हिन्दूसमाज और हिन्दूधर्म की आलोचना में अग्रवर्ती भूमिका निभा चुके हैं।

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