गुरुवार, 29 जनवरी 2015

लोकतंत्र ,कुर्सी संघ और रसमलाई !



        लोकतंत्र में कुर्सीसंघ का जन्म हुआ है। कुर्सीसंघ का नया नारा है डिलीवरी और डिलीवरी ! कुर्सीसंघ ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 11 केन्द्रीय मंत्री, 70 सांसद, प्रधानमंत्री, 1 सुपरकॉप, डेढ़ लाख संघ के तोते मैदान में उतारे हैं। कमाल का सीन बन रहा है ! दिल्ली में इतनी बड़ी संख्या में तोते और  बिल्लियां कभी मैदान में नहीं उतरी थीं। जहाँ देखो तोता जहाँ देखो बिल्ली ! तोते बोलते कम हैं और बिल्लियों का स्वभाव है डिलीवरी ! तोते कह रहे हैं हम न हिन्दू हैं न मुसलमान हैं ! चमार हैं न कुम्हार हैं! हम तो बस तोते हैं! तोते आठ महिने में ख़ूब मोटे हुए हैं! उडते हैं तो सुंदर लगते हैं! बोलते हैं तो ध्यान खींचते हैं! वे कह रहे हैं कलरव ही जीवन है! 
       कुर्सीसंघ के सर्जक ने कहा है लोकतंत्र  के लिए तोते- बिल्लियाँ सबसे उपयुक्त पात्र हैं! लोकतंत्र लाना है तो तोते और बिल्लियों की मानो और मजे में रहो ! कुर्सी संघ का नारा है  डिलीवरी -डिलीवरी - डिलीवरी! टीवी टॉकशो -टॉक शो ! 
     दिल्ली में तोते - बिल्लियाँ और टीवीवाले समझा रहे हैं लोकतंत्र लाना है तो धरना मत दो, आंदोलन मत करो, नारे मत लगाओ,हडताल मत करो,  इंक़लाब की बातें मत करो, संविधान की बातें मत करो, संविधान में जो लिखा है वो रद्दी है !  दूध पियो और अमरूद खाओ!  महँगाई, ग़रीबी,बेकारी , कुपोषण, अज्ञानता, बलात्कार ,लोकतंत्र और संविधान की चेतना ये सब फ़ालतू चीज़ें हैं, असल चीज है टीवी टॉक शो  और रसमलाई !
          तोते कह रहे हैं बड़ी गद्दी परम सत्य! बड़ा तोता परम सत्य!  कुर्सी ही सत्य है !कुर्सी ही शिव है ! कुर्सी ही सुंदर है! कुर्सी ही सडक है! कुर्सी ही जीवन है! कुर्सी ही जलेबी है! कुर्सी ही रसमलाई है! कुर्सी पर बैठना है तो रसमलाई की चेतना पैदा करो! आंदोलन, धरना,माँगें, हडताल, कामगारों के हक, झुग्गी-झोंपड़ी वालों के हक , छात्रों के हक, औरतों के हक , ये सब बेमानी हैं !रसमलाई खाओ संघ के गुन गाओ!लोकतंत्र को समृद्ध बनाओ! बड़े तोते ने कहा लोकतंत्र में कुर्सी हो, तोते हों और बिल्लियाँ हों और रसमलाई हो! रसमलाई  बनानेवाले हों ! रसमलाई खानेवाले हों! लोकतंत्र में रसमलाई का ही तो कमाल है कि टाटा पैदा हुआ, अम्बानी पैदा हुआ, अदानी पैदा हुआ! रसमलाई की ही महिमा है कि ओबामा अमेरिका से दौडा चला आया और कहने लगा रसमलाई दो रसमलाई दो! सारी दुनिया मुग्ध है कुर्सीसंघ के इस कौशल पर कि उसने रसमलाई को राष्ट्रीय माल बना दिया! कल तक रसमलाई दुकान तक ही सीमित थी अब रसमलाई चुनाव मेनीफेस्टो तक फैल गयी है। रसमलाई का यह विस्तृत कैनवास एक ही माँग पैदा कर रहा है रसमलाई - रसमलाई! 




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