गुरुवार, 8 जुलाई 2010

फेसबुक संस्कृति और संवाद का वर्चुअल आयाम

फेसबुक पर पुराने दोस्तों को पाना बिछुड़े हुए परिवारीजनों का मिलना,दोस्तों का संवाद करना,लेख लिखना,किसी विषय पर बहस करना और रीयल टाइम संपर्क-संवाद करना बड़ी उपलब्धि है। इससे वर्चुअल संवाद-संपर्क और भी प्रभावी बना है। फेसबुक की सफलता आज जगजाहिर है। खासकर सोशल नेटवर्क को इसने नए आयाम दिया है।
   सामाजिक नेटवर्क के रूप में हार्वर्ड डोर्म ने आज से छह साल पहले 2004 में जब इसकी शुरूआत की थी तो सोचा भी नहीं था कि फेसबुक को विश्व में इतनी व्यापक सफलता मिलेगी। आज फेकबुक के 50 करोड़ यूजर हैं। डेढ़ साल पहले 20 करोड़ यूजर थे। इतने कम समय में फेसबुक ने जो जनप्रियता हासिल की है वह आश्चर्यजनक है।
    एक साल पहले तक भारत में ऑर्कुट यूजरों की संख्या फेसबुक यूजरों से दोगुना थी। आज ह आंकड़ा बदल गया है।  मात्र एक साल में फेसबुक ने ब्राजील में आठगुना बढ़ोतरी प्राप्त की है। फेसबुक ने अमेरिका में माइस्पेस को भी पीछे छोड़ दिया है। ब्रिटेन में फेसबुक ने बेवो नामक सोशल नेटवर्क को अप्रासंगिक बना दिया है।
    फेसबुक के दबाब का ही परिणाम है कि आईएलओ के दो साल पहले 850 मिलियन डॉलर में खरीदे सोशल नेटवर्क को जबर्दस्त घाटा उठाते हुए बेचना पड़ा। जर्मनी में फेसबुक ने StudiVZ नामक सोशल नेटवर्क को पीछे छोड़ दिया है जबकि फरवरी 2010 तक StudiVZ  सबसे बड़ा सोशल नेटवर्क था।
    फेसबुक के संस्थापक 26 वर्षीय मार्क जुकर्वर्ग का मानना है कि जल्दी फेसबुक एक बिलियन लोगों तक पहुँच जाएगा। फेसबुक की सफलता ने गूगल की नींद उड़ा दी है। गूगल की आय का बड़ा क्षेत्र विज्ञापन हैं इस क्षेत्र में भी फेसबुक ने चुनौती देनी आरंभ कर दी है। आज फेसबुक पर 80 भाषाओं के अनुवाद की व्यवस्था है।  इस कार्य में जेवियर ओलिवन की केन्द्रीय भूमिका है। इन्हें फेसबुक में भाषायी विस्तार के लिए 3 साल पहले काम पर रखा गया था उस समय फेसबुक के मात्र 30 मिलियन यूजर थे आज 500 मिलियन यूजर हैं और 80 भाषाओं में फेसबुक की सामग्री अनुदित की जा रही है। उल्लेखनीय है ओलिवन के साथ सिर्फ 12 लोगों की टीम है जो अनुवाद के काम को देखती है। फेसबुक की सालाना आमदनी एक बिलियन डॉलर है।   








कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विशिष्ट पोस्ट

मेरा बचपन- माँ के दुख और हम

         माँ के सुख से ज्यादा मूल्यवान हैं माँ के दुख।मैंने अपनी आँखों से उन दुखों को देखा है,दुखों में उसे तिल-तिलकर गलते हुए देखा है।वे क...