बुधवार, 7 जुलाई 2010

इंटरनेट की स्वतंत्रता खतरे में


     जिस तरह से कमरा बंद करके अमेरिका का फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन हरकतें कर रहा है उससे यही लग रहा है कि इंटरनेट की आजादी अब ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है। फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन ने बंद कमरे में अमेरिकी बहुराष्ट्रीय दूरसंचार और केबल कंपनियों वेरीजॉन,एटी एंड टी, कॉमकास्ट, और गूगल के साथ हाल ही में लंबी बैठक की है।
    इंटरनेट की स्वाधीनता के पक्षधरों का मानना है कि ये कंपनियां फेडरल कमीशन पर दबाब पैदा कर रही हैं। जिससे इंटरनेट की स्वतंत्रता में कटौती की जाए। इंटरनेट को अमेरिका के कारपोरेट घराने हथियाने में लगे हैं। उनकी नई रणनीति यह है कि इंटरनेट की तटस्थता और स्वतंत्रता के पर कतर दिए जाएं।
     वे इंटरनेट का स्वामित्व हासिल करके इंटरनेट की अंतर्वस्तु को मेनीपुलेट करना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि इंटरनेट कंटेंट को यूजर पैसा भुगतान करके हासिल करे। जो अपनी बेवसाइट का भुगतान ठीक से करें उनकी बेवसाइट तेज चलेगी। जो भुगतान नहीं करते उनकी बेवसाइट धीमी चलेगी। अथवा बंद कर दी जाएगी।
   उल्लेखनीय है इंटरनेट मनुष्य की अभिव्यक्ति की आजादी का अब तक का श्रेष्ठतम माध्यम है। उसकी पहुँच और निष्पक्षता पर हमें नाज है।किसी भी कारण से इंटरनेट की तटस्थता और आजादी को बाधित किया जाता है तो यह सारी मानव जाति की महान क्षति होगी।
     बहुराष्ट्रीय फोन,केबल और मीडिया कंपनियां नहीं चाहतीं कि इंटरनेट की स्वतंत्रता बनी रहे। वे चाहते हैं कि प्रत्येक यूजर भुगतान करके इंटरनेट अभिव्यक्ति का आनंद ले। हम सबको कारपोरेट घरानों की इंटरनेट को हथियाने की साजिशों का विरोध करना चाहिए।
     फेडरल कमीशन और अमेरिकी कांग्रेस के जिम्मेदार सदस्यों को प्रभावित करने के लिए लॉबी करने वाले दलाल सक्रिय हो गए हैं। सन् 2010 के पहले तीन महीनों में लॉबी करने वालों पर कारपोरेट घरानों ने 20 मिलियन डॉलर खर्च किया है। लॉबी करने वाले दलालों के सत्ता के गलियारों में अनेक से सीधे कनेक्शन हैं। सन लाइट फाउंडेशन ने खबर दी है कि 72 प्रतिशत दलालों को एटी एंड टी ,वेरीजॉन, कॉमकास्ट,टाइम वारनर केबल, नेशनल केबल एंड कम्युनिकेशन एसोसिएशन और यू.एस. टेलीकॉम एसोसिएशन ने भाड़े पर रखा हुआ है। इन कंपनियों के दलाल के रूप में 18 भू,पू. कानून निर्माता, हाउस और सीनेट कमेटियों के भू.पू. कर्मचारी काम कर रहे हैं।
    हम चाहते हैं कि इंटरनेट का कारपोरेट घरानों के हाथों स्वामित्व जाने से रोका जाना चाहिए। यदि इंटरनेट स्वतंत्रता का हनन होता है या क्षति होती है तो यह सारी दुनिया के नागरिकों की अभिव्यक्ति की आजादी का सबसे बड़ा नुकसान होगा आओ हम विरोध करें और इंटरनेट स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाए रखें।    
      





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